29 जुलाई 2010

शीला दीक्षित ( Sheela Dixit )


जधानी में महंगाई और क़ानून व्यवस्था जैसी चुनौतियों का मुकाबला कर रही मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ऐसी महिला नेता हैं, जो मौकेबेमौके लोगों को अपने दायित्व व सामाजिक एहसास दिलाने का मौक़ा नहीं छोड़ना चाहतीं।

पंजाब के कपूरथला में जन्मीं शीला दीक्षित की शुरूआती शिक्षा दिल्ली के कान्वेंट आफ जीसस एंड मेरी स्कूल तथा कालेज की शिक्षा निरान्दा हाउस से हुई। उन की शादी भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी विनोद दीक्षित से हुई।

सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री 
शीला दीक्षित 1984 से 1989 तक कन्नौज संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य थीं। वे लोकसभा की प्राक्कलन समिति में रहीं। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के स्टेटस औफ़ विमन  के लिये बने आयोग में भारत की नुमाइंदगी की।

1986 से 1989 में वे केन्द्रीय मंत्रिमंडल में संसदीय मामले की राज्यमंत्री रहीं तथा बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री बनीं।

72 वर्षीय शीला दीक्षित पिछले साल लगातार तीसरी बार दिल्ली की मुख्य मंत्री बनीं हैं। 1988 में कांग्रेस ने पहली बार उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर दिल्ली की बागडौर सौंपी थी।

इस से पहले उन्हें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। मुख्यमंत्री के रूप में शीला दीक्षित की प्राथमिकता प्रशासनिक स्तर पर सहिष्णुता, धर्मनिरपेक्षता तथा विकास पर अमल कराना रही है।

दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में वे 2008 में देश की सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री चुनी गईं। एनडीटीवी की ओर से उन्हें 2009 का 'पोलिटिशियन और दी ईयर' चुना गया। 70 के दशक में वे यंग विमान एसोसिएशन की अध्यक्ष थीं।

समस्याओं के प्रति गंभीर
राजधानी की विभिन्न समस्याओं को शीला दीक्षित ने हमेशा गंभीरता से लिया और दृढ़ता के साथ उन को हल कराने के प्रयास किये।
पुत्र संदीप दीक्षित (सांसद पूर्वी दिल्ली) व पुत्री लतिका सैयद की माँ शीला दीक्षित सादगी में यकीन रखती हैं।
साड़ी का सादा पहनावा, सादा खानपान ही उन्हें पसंद है। राजनीति के गढ़ दिल्ली में किसी महिला का राजनीतिक चालबाजियों, मक्कारियों, कूटनीतिक जोड़तोड़ की ओछी हरकतों के बीच खुद को साबित करना बेहत मुशिकल है।