13 मार्च 2011

ऐसे बचें जागने से

अक्सर आपने छात्रों को यह कहते सुना होगा की सामान्य दिनों में तो उन्हें अच्छी नींद आती है, लेकिन परीक्षा के दिनों में उन्हें नींद नहीं आती. बिस्तर पर घंटों लेते रहने के बावजूद भी गहरी नींद उनसे कोसों दूर रहती है. क्या आपने इस विषय पर कभी गंभीरता से सोचा है की आखिर ऐसा क्यों होता है? छात्रों में एक-दूसरे से आगे बढ़ने की चाह ने उन्हें अति मह्त्वकांशी बना दिया है. माता-पिता होशियार बच्चों से अपने बच्चों की तुलना करते हैं. माता-पिता के दबाव के कारण भी स्टूडेंट चैन से सो नहीं पाता उसे अनिंद्रा का रोग लग जाता है. परीक्षा में सफलता हासिल करने की ललक नींद न आने का बहुत बड़ा कारण है.
छात्र इस समय पढाई में ही न जुटे रहें बल्कि अपनी हाँबी को भी समय दें. इससे दिमाग हल्का होता है और वे खुद को रिलेक्स महसूस करेंगे, जिससे नींद आने में भी मदद मिलती है.
परिवार या दोस्तों के साथ सप्ताह में एक बार घूमने जरूर जाएं. इससे मन प्रसन्न रहता है और नींद आने में भी मदद मिलती है.
परिवार के सभी सदस्यों को दिन में कम से कम एक बार साथ भोजन करना चाहिए. इससे बाच्चों में अकेलापन व असुरक्षा की भावना ख़त्म होने लगती है. वे खुद को हल्का महसूस करेंगे और उन्हें अच्छी नींद भी आएगी. यदि छात्र चाहें तो वे खुद भी नींद न आने जैसे स्थिति पर काबू पाकर एक गहरी व अच्छी नींद ले सकते हैं. अगर वे निमन बातों पर ध्यान दें तो-
गुनगुने पानी से शाम को स्नान करें, कमरे का वातावरण सामान्य हो.
शरीर की अच्छी तरह से मालिश करें, संगीत का आनंद लें.
दूध व दही का इस्तेमाल करें.
ज्यादा चाय, कांफी व सिगरेट का सेवन न करें.
व्यायाम करें क्योंकि व्यायाम के जरिये शरीर में संतुलन बना रहता है. छात्रों को सुबह या शाम को टहलने जरूर जाना चाहिए. हो सके तो योग जरूर करें.
जल्दी सोने की आदत डालें, बिस्तर आरामदायक हो.
सोने से पहले पढाई न करें और पढाई बिस्तर पर न करें.
सोने से पहले दिमाग पर किसी तरह का बोझ न रखें. क्योंकि इससे गहरी नींद नहीं आती.