01 फ़रवरी 2011

खुद चुनें अपना करियर


गर्ल्स और महिलाओं में अक्सर यह समस्या देखने में आती है कि वे नौकरी लगने के बाद भी इस कन्फ्यूजन में रहती हैं कि उन्होंने जो कंरियर चुना है वह सही है कि नहीं? वे दुविधा भरी स्थिति में रहती हैं और उन्हें दूसरे क्षेत्र आकर्षित करते हैं. इसका अक्सर उनके काम और सोशल लाइफ पर पड़ता है. ऐसी महिलाएं और गर्ल्स कई बार जोश में गलत निर्णय भी ले लेती हैं और बाद में पछताती हैं. हालांकि देखा जाए तो इस समस्या का हल भी उन्हें के पास है, बस जरूरत है तो थोड़ा दिमाग चलाने की....

सफल व्यक्तियों को करीब से मिलें
स्वयं के कंरियर को दिशा देने के हाले ऐसे व्यक्तियों से जरूर मिलें जो आपकी पसंद के क्षेत्र में सफल हैं. ऐसे व्यक्तियों से मिलने से आपके मन के कई भ्रम दूर हो जाएंगे. हम कई बार पने पसंद के कंरियां को लेकर भ्रम पाल लेते हैं कि इसमें काफी नाम है या पैसा है. सफल व्यक्ति इस संबंध में आपको यह भी बता देंगे कि नाम या पैसा कमाने के लिये किसी भी तरह का शांर्ट कट नहीं होता है और आपको मेहनत को करनी ही पड़ेगी. उनसे मिलने के बाद आपको जरूर अहसास होगा कि सफलता प्राप्ति के लिये किन राहों से गुजरना पड़ता है.

जानें अपनी पसंद
कई बार यह भी देखने में आता है कि महिलाएं और युवतियां  यह जान ही नहीं पातीं कि वे किस क्षेत्र के लिये बनी हैं. कला में रुचि रखने वाली मैथ्स या फिजिक्स में हाथ आजमाएंगी तो सफलता कैसे मिलेगी. सफलता मिल भी गई तो वह दिल को अच्छी नहीं लगेगी और परिणामस्वरूप उसे यह लगने लगता है कि जो भी निर्णय लिया वह गलत है.

भेड़ चाल में न फंसें
दोस्ती यारी के बिना काँलेज लाइफ की कल्पना ही नहीं की जा सकती. दोस्तों से कंरियर संबंधी सलाह लेना अच्छी बात है और यह होता भी है. परन्तु जो दोस्त कर रहा है वही कोर्स आप भी करें ऐसा जरूरी नहीं. दोस्ती की भावनाएं अपनी जगह हैं और आपका कंरियर अपनी जगह है. ऐसे में जो दोस्त कर रहे हैं वही मैं करूंगा/करूंगी ऐसा कभी न करना. इस भेड़ चाल में अगर आप फंस गए तब निकलने का काफी बड़ा मूल्य चुकाना पडेगा. अगर दोस्तों की देखा-देखी आपने भी अपने मन से अलग क्षेत्र चुना तो एक दिन आपको पछताना पड़ेगा. इसलिए भेडचाल में फंसने से बचें.

ज्यादा प्रयोग न करें
कंरियर की राह ऐसी होती है जिसमें बहुत ज्यादा प्रयोग करने का समय नहीं रहता है. ऐसे में स्वयं के साथ प्रयोग उतने ही करें जितना समय आपको अनुमति देता है. कई बार यह भी देखने में आता है कि विज्ञापन के क्षेत्र में अच्छा करने वाले को जब अपने क्षेत्र में ही नौकरी मिल जाती है तब भी वे खुश नहीं होते. समाजसेवा के क्षेत्र में काम करने में उन्हें ज्यादा संतुष्टि मिलती है. इस कारण अपनी पसंद-नापसंद और दिल की चाहत के अनुरूप कंरियर का चुनाव करते वक्त थोड़ा समय जरूर दें और अपने कंरियर की दिशा का चयन स्वयं करें.