17 अप्रैल 2010

जीवन प्रबंधन के गुर सांई बाबा ( Life management tricks Sai Baba )

शिर्डी के सांई बाबा के भक्त दुनियाभर में फैले हैं। उनके फकीर स्वभाव और चमत्कारों की कई कथाएं है। सांई बाबा के सारे चमत्कारों का रहस्य उनके सिद्धांतों में मिलता है, उन्होंने कुछ ऐसे सूत्र दिए हैं जिन्हें जीवन में उतारकर सफल हुआ जा सकता है। हमें उन सूत्रों को केवल गहराई से समझना होगा। सांई बाबा के जीवन पर एक नजर डाली जाए तो समझ में आता है कि उनका पूरा जीवन लोककल्याण के लिए समर्पित था। खुद शक्ति सम्पन्न होते हुए भी उन्होंने कभी अपने लिए शक्ति का उपयोग नहीं किया। सभी साधनों को जुटाने की क्षमता होते हुए भी वे हमेशा सादा जीवन जीते रहे और यही शिक्षा उन्होंने संसार को भी दी। सांई बाबा शिर्डी में एक सामान्य इंसान की भांति रहते थे। यूं तो उनका पूरा जीवन ही हमें हमारे लिए आदर्श है, उनकी शिक्षाएं हमें एक ऐसा जीवन जीने की प्रेरणा देती है जिससे समाज में एकरूपता और शांति प्राप्त हो सकती है।

सबका मालिक एक..
.सांई बाबा ने हमेशा ही कहा है सबका मालिक है। भगवान हर धर्म, जाति और संप्रदाय के लिए एक ही है। हमने नाम अलग-अलग कर दिए हैं। इसी मूल मंत्र से समाज में एकरूपता का भाव बनेगा और लोग जात-पात, ऊंच-नीच के मतभेद को भूलकर एकसाथ रह सकते हैं। यहीं से भेदभाव खत्म होंगे और समाज में शांति की स्थापना होगी।

श्रद्धा और सबुरी...
हमारा जीवन समस्याओं से घिरा है या यूं कहें समस्याओं का दूसरा नाम ही जीवन है। ऐसे में अपने आराध्य के प्रति सच्ची श्रद्धा रखें। समस्याओं से डरे नहीं और इस बात की सबुरी रखें कि अच्छा समय भी आएगा। जब भी कोई मुसीबत आती है हम सबसे पहले अपना धैर्य खोते हैं और फिर परमात्मा में विश्वास। अगर मुसीबत में भी भगवान पर विश्वास रखा जाए और धैर्य से काम लें तो सारे अशुभ, शुभ में बदल सकते हैं।

निस्वार्थ भाव से सबकी मदद...
अपने माता-पिता और परिवारजनों का आदर, मान-सम्मान और ध्यान रखना हमारा परम कर्तव्य है। परंतु साथ ही साथ हमें अन्य बुजुर्गों, गरीब, निशक्त और निसहाय लोगों की भी मदद खुले दिल से करना चाहिए।जब ईश्वर ने मनुष्य में कोई भेदभाव नहीं रखा, वह सभी को समान रूप से सूर्य की किरणें पहुंचाता है, सभी के लिए जल उपलब्ध कराता है, हवा सभी के लिए समान रूप से प्रवाहित होती है। ऐसे में हमें भी सारे ऊंच-नीच और भेदभाव भुलाकर समानरूप से रहना चाहिए।