01 अप्रैल 2010

श्री सीताराम



{-------------"सीताराम, सीताराम, सीताराम कहिये"-----------}
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सीताराम, सीताराम, सीताराम कहिये ।
जाही विधि राखै राम, ताही विधि रहिये ॥
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मुख में हो राम नाम, राम सेवा हाथ में ।
तू अकेला नहीं प्यारे, राम तेरे साथ में ॥
विधि का विधान जान, हानि लाभ सहिये ।
जाही विधि...
सीताराम, सीताराम, सीताराम कहिये ।
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किया अभिमान तो फिर मान नहीं पायेगा ।
होगा प्यारे वही जो श्रीरामजी को भाएगा ॥
फल आशा त्याग, शुभकाम करते रहिये । जाही विधि...
सीताराम, सीताराम, सीताराम कहिये ।
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जिंदगी की डोर सौंप, हाथ दीनानाथ के ।
महलों में राखे, चाहे झोपडी में बास दे ॥
धन्यवाद निर्विवाद राम राम कहिये । जाहि विधि...
सीताराम, सीताराम, सीताराम कहिये ।
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आशा एक रामजी से, दूजी आशा छोड़ दे ।
नाता एक रामजी से, दूजा नाता तोड़ दे ।
साधू संग, राम रंग, अंग अंग रंगिये ।
काम रस त्याग प्यारे, राम रस पगिये । जाही विधि...
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सीताराम, सीताराम, सीताराम कहिये ।
जाही विधि राखै राम, ताही विधि रहिये ॥