07 अप्रैल 2010

महिलाएं गहने जानकारी ले कर ही पहनें

अधिकर महिलाओं को श्रृंगार प्रिय होता है, और अधिकतर महिलाओं में ये भावना होती है कि हम किसी से कम नहीं। श्रृंगार करना बहुत अच्छी बात है, श्रृंगार से तो महिलाएं सुशोभित होती है, परन्तु इस बात को ध्यान में रखतें हुए श्रृंगार करें तो उन्हें बहुत सी मुशीबतों का सामना नहीं करना पडेग़ा जैसे:- पति पत्नी के बीच तनाव ,मानसिक तनाव,चिड़चिड़ा पन ,शारिरिक कष्ट आदि से बचाव हो सकता है। वो बात ये है कि महिलाएं अपने श्रृंगार के लिए उपयोग में लाने वाले गहने अपनी राशि के अनुसार ही पहने । अपनी राशि के अनुसार वे कौन-कौन सा रत्न पहन सकती हैं इस बात की जानकारी लेकर सकती हैं इस बात की जानकारी लेकर पहने, तो अनेकानेक अपनी अपनी एवं अपने परिवार के लिए उत्पन्न समस्याओं से बचाव कर सकती हैं।

इसके बाद बारी आती है कि हम किसी से कम नहीं,यह बहुत अच्छी बात है परन्तु कुछ क्षेत्र में ये घातक भी होती है जैसे किसी के लिए हीरा पहनना मारक की स्तिथि उत्पन्न करता है हीरे पहनने की वजह से स्वास्थ में खराबी आना या अन्य कोई परेशानी उत्पन्न होना,ये तो उसके लिए घातक ही होती है। इस लिए ऐसी महिला को लगातार हीरा नहीं पहनना चाहिये। बहुत शान शौकत का यदि प्रदर्शन ही करना हो तो कार्यक्रम होने तक ही पहन कर तुरंत खोल दे , परन्तु कुछेक प्रतिशत को ये स्थिति भी घातक हो सकती है। अत: ये समझ लें कि हर रत्न उपरत्न में अच्छा या बुरा करने की ताकत होती है। सौंदर्यता के लिए भी धारण किये गये रत्न परामर्श से ही धारण करना उचित होता है।
सिर्फ सोना चांदी ही एक ऐसी धातु (मेटल) है जिसे पहनने पर हजारों में एक व्यक्ति को सूट नहीं करता। इसके अलावा अन्य मेटल से बने गहने अधिकतर लोगो को सूट नहीं करता जिसे धारक अहसास के आभाव में समझ नहीं पाता। अत: अन्य धातुओं से बने गहने भी नुकसान दायक हो सकते है।