20 मार्च 2010

इस्लाम धर्म - अल्लाह



अल्लाह (अरबी : अल्लाह्,الله या اللّه या اللّٰه या ﺍﷲ) अरबी भाषा में ईश्वर का नाम है । ज़्यादातर इसे मुसलमान अपने एकमात्र परमेश्वर के लिये प्रयुक्त करते हैं । अल्लाह नाम है एक अल्लाह का। जो सच मे है। जिसके बारे मे लगभग एक लाख चौबिस हजार पैगम्बरों ने बताया है। और उसका होना साबित किया है। हम जिस पर् इमान लाते है। हम इमान गैब यानी जिसे कभी देखा नहीं या ये मान लो जिसके बारे में हम ज्यादा सोच नहीं सकते।क्युकि उसकी जात वारा उल वारा यानि मुक्म्मल जिस को किसी कि जरूरत नही, ना हमारी तरह खाने कि, न सोने कि, ना सास लेने कि क्युकि वो अजर है अमर है, यानि ना बुडडा हो सकता है ना ही उसको मोत आ सकती है सिर्फ उसी पर भरोसा कर सकते हैं।

मान्यता
इस्लाम में मान्यता है कि अल्लाह अदृश्य पराशक्ति है। उसका कोई रूप (मानव-समान या कोई अन्य) नहीं,वह इस कायनात मे सबसे बलवान है। उसका कोई पिता-माता या पुत्र-पुत्री नहीं। उसकी मूर्ति या चित्र बनाने पर सख़्त मनाही है। सिर्फ़ वही पूजा योग्य है। वो सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ और सर्वव्यापक है। क़ुरान में अल्लाह के ९९ नाम दिये गये हैं। अल्लाह की ख़िदमत में कई फ़रिश्ते भी हैं। उसीने मुहम्मद स्,अ,व्, को क़ुरान सुनवाया।