31 मार्च 2010

शाकुम्भरी देवी जी क़ी आरती



आरती

शाकुम्भरी देवी जी क़ी आरती
हरि ॐ शाकुम्भरी अम्बा जी क़ी आरती कीजो
ऐसो अद्भुत रूप हृदय धर लीजो,
शताक्षी दयालु क़ी आरती कीजो॥
तुम परिपूर्ण आदि भवानी माँ,
सब घाट तुम आप भाखानी माँ॥ श्री शाकुम्भर...
तुम हो शाकुम्भर, तुम ही हो शताक्षी माँ,
शिव मूर्ती माया प्रकाशी माँ॥ श्री शाकुम्भर...
नित जो नर नारी तेरी आरती गावे माँ,
इच्छा पूरण कीजो, शाकुम्भरी दर्शन पावे माँ॥ श्री शाकुम्भर...
जो नर आरती पढ़े पढावे माँ
जो नर आरती सुने सुनावे माँ
बसे बैकुंठ शाकुम्भर दर्शन पावे॥ श्री शाकुम्भर...