04 फ़रवरी 2010

Hindi Sahitya - Novel : Elove : CH-3 मेलींग ऍड्रेस

मॉनिटरपर अबभी ' क्या तुम मेरा दोस्त बनना पसंद करोगी ?' यह चॅटींगपर आया मेसेज दिख रहा था। अब इसे क्या जवाब भेजा जाए ताकी वह अपना पिछा छोडेगा ऐसा सोचते हूए अंजलीने मेसेज भेजनेवालेका नाम देखा. लेकिन वह 'टॉम बॉय' नही था यह देखकर उसे सुकून महसुस हूवा.

' क्यो नही ? जरुर... दोस्ती करनेसे निभाना जादा मायने रखता है ' अंजलीने मेसेज टाईप किया।

तभी शरवरी - अंजलीकी सेक्रेटरी अंदर आ गई।

'' यस मॅडम''

'' शरवरी मैने तुम्हे कितनी बार कहा है ... की डोन्ट कॉल मी मॅडम... कॉल मी सिम्प्ली अंजली... तुम जब मुझे मॅडम कहती हो मुझे एकदम 23 सालसे 50 सालका हुए जैसा लगता है '' अंजली चिढकर बोली।

वह उसपर गुस्सा तो हो गई लेकिन फिर उसे बुरा लगने लगा।

अंजली अचानक एकदम गंभीर होकर बोली, '' सच कहूं तो पापा के अचानक जानेके बाद यह जिम्मेदारी मुझपर आन पडी है ... नहीतो अभी तो मेरे हसने खेलनेके दिन थे... सच कहूं तो ... मैने तुम्हे यहां जानबुझकर बुला लिया है ॥ ताकी इस कामकाजी मौहोलमें मै अपनी हंसी खुशी ना खो दूं ... कम से कम तूम तो मुझे अंजली कह सकती हो ... तूम मेरी दोस्त पहले हो और सेक्रेटरी बादमें ... समझी? '' अंजलीने कहा।

'' यस मॅडम ... आय मीन अंजली'' शरवरीने कहा।

अंजली शरवरीकी तरफ देखकर मंद मंद मुस्कुराने लगी। शरवरी उसके सामने कुर्सीपर बैठ गई तभी फिरसे कॉम्पूटरका अलर्ट बझर बज गया. चाटींगके विंडोमें फिरसे मेसेज आ गया था -

'तुम्हारा नाम क्या है ?'

' मेरा नाम अंजली ... तुम्हारा ?' अंजलीने मेसेज टाइप किया।

अंजलीने सेन्ड बटनपर माऊस क्लिक किया और बोलनेके लिए शरवरी बैठी थी उधर अपनी चेअर घुमाई।

'' वह नेट सेक्यूराका प्रोजेक्ट कैसा चल रहा है ?...'' अंजलीने पुछा।

'' वैसे सबतो ठिक है ... लेकिन एक मॉड्यूल सिस्टीमको बारबार क्रॅश कर रहा है ... बग क्या है कुछ समझमें नही आ रहा है ... '' शरवरीने जानकारी दी। '

तभी चॅटींगपर फिरसे मेसेज आया -

' मेरा नाम विवेक है ... बाय द वे... आपकी पसंदीदा चिजें क्या है ... आय मीन हॉबीज?'

' मेरा नाम विवेक है ... बाय द वे... आपकी पसंदीदा चिजें क्या है ... आय मीन हॉबीज?'

'' उस मॉड्यूलपर कौन काम कर रहा है ?'' अंजलीने पुछा।

'' दिनेश माहेश्वरी'' शरवरीने जानकारी दी।

'' वही ना जो पिछले महिने जॉईन हुवा था ?'' अंजलीने पुछा।

'' हां वही ''

'' उसके साथ कोई सिनीयर असोशिएट करो और सी दॅट द मॅटर इज रिझॉल्वड '' अंजलीने एक पलमें उस समस्याकी जड ढूंढते हुए उसपर उपायभी सुझाया था।

'' यस मॅडम... आय मीन अंजली'' शरवरी बडे गर्वके साथ अंजलीके तरफ देखते हूए बोली।

उसे अपने बॉस और दोस्त अंजलीके मॅनेजमेंट स्किलसे हमेशा अभिमानीत महसूस करती थी।

अंजलीने फिरसे अपना रुख अपने कॉम्प्यूटरकी तरफ किया।

शरवरी वहांसे उठकर बाहर गई और अंजली कॉम्प्यूटरपर आए चॅटींग मेसेजको जवाब टाईप करने लगी।

' हॉबीज ... हां ॥ पढना, तैरना ... कभी कभी लिखना और ऑफ कोर्स चॅटींग'

अंजलीने मेसेज टाईप कर 'सेन्ड' की दबाकर वह भेजा और चॅटींग विंडो मिनीमाईझ कर उसने मायक्रोसॉफ्ट एक्सेलकी दुसरी एक विंडो ओपन की। वह उस एक्सेल शिटमें लिखे हूए आंकडे पढते हूए गुमसी गई. शायद वह उसके कंपनीके किसी प्रोजेक्टके फायनांसिएल डिटेल्स थे.

तभी फिरसे एक चॅटींग मेसेज आ गया।

' अरे वा ॥ क्या संयोग है ... मेरी हॉबीजभी तुम्हारी हॉबीजसे मेल खाती है ... एकदम हुबहु ... एक कम ना एक जादा ...' उधरसे विवेकका था।

' रिअली?' उसने उपरोधसे भरे लहजेसे जवाब दिया।

फ्लर्टींगके इस पुराने नुस्केसे अंजली अच्छी तरहसे वाकिफ थी।

तभी पियून अंदर आया। उसने कुछ कागजाद दस्तखत करनेके लिए अंजलीके सामने रखे. अंजलीने उन सब कागजाद पर एक दौडती हुई नजर घुमाई और उनपर दस्तखत करने लगी.

' आय स्वीअर' मॉनिटरपर विवेकने उधरसे भेजा हुवा मेसेज आ गया।

शायद उसे उसके शब्दोमें छुपा उपरोध समझमें आया था।

' मुझे तुम्हारा मेलींग ऍड्रेस मीलेगा ? ' उधरसे विवेकका फिरसे मेसेज आ गया।

' anjali5000@gmail।com' अंजलीने खास चॅटींगपर मिलनेवाले अजनबी लोगोंको देनेके लिए बनाया मेल ऍड्रेस उसे भेज दिया.

अंजलीने अब अपनी चेअर घुमाकर अपनी डायरी ढुंढी और अपने घडीकी तरफ देखते हूए वह कुर्सीसे उठ खडी हो गई।

अपनी डायरी लेकर वह जानेके लिए घुम गई तभी फिरसे कॉम्प्यूटरपर चॅटींगका बझर बज गया। उसने जाते जाते मुडकर मॉनिटरकी तरफ देखा.

मॉनिटरपर विवेकका मेसेज था, ' ओके थॅंक यू... बाय ... सी यू सम टाईम...'