17 फ़रवरी 2010

दिल की कमजोरी का घरेलू इलाज

जब दिल हो कमजोर तो


जरा सा भी परिश्रम करने पर साँस फूलने लगे, पसीना आ जाए, सीढ़ियाँ चढ़ते समय दम भर जाए तो समझो दिल कमजोर है।

दिल की कमजोरी दूर करने हेतु घरेलू उपचार इस प्रकार हैं-

* लौकी उबालकर उसमें धनिया, जीरा व हल्दी का चूर्ण तथा हरा धनिया डालकर कुछ देर और पकाएँ। कमजोर दिल के रोगी को इसका नियमित सेवन करने से लाभ होता है और दिल को शक्ति मिलती है।

* अच्छा पका हुआ कुम्हड़ा लेकर उसे धो लें और छिलके सहित उसके छोटे-छोटे टुकड़ काट लें। इसे अच्छी तरह सुखाकर मिट्टी के बरतन में भरकर, ढक्कन लगाकर, कपड़ा बाँधकर मिट्टी लेप दें। 20 मिनट हल्की आँच पर पकाएँ व उतारकर ठंडा होने दें, कुम्हड़े के जले टुकड़ों का चूर्ण बनाकर शीशी में बंद कर दें। दो ग्राम चूर्ण में एक ग्राम सोंठ का चूर्ण मिलाकर गर्म पानी से सेवन करें। इससे दिल की दुर्बलता व सीने का दर्द दूर होता है।

* अनार के 10 मिलीलीटर रस में 10 ग्राम पिसी मिश्री मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीने से भी बहुत लाभ होता है।

* वंशलोचन, इलायची दाना, जहर मोहरा, खताई पिष्टी, रहरवा शमई, सतगिलोय और वर्क चाँदी, सभी समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें व फिर सभी को गुलाब के अके में घोटकर रख लें।

1 से 4 रत्ती मिश्री या आँवले के मुरब्बे के साथ दिन में तीन बार सेवन करें। यह दिल की कमजोरी, धड़कन का असामान्य होना तथा दिल के रोग में अत्यंत लाभकारी है। इसके सेवन से पित्त ज्वर उल्टी, दाह आदि में आराम मिलता है।