02 जनवरी 2010

हरी सब्जियों से घरेलू उपचार

सेहत व सौन्दर्य प्रदान करती हैं सब्जियाँ

आहार में हरी सब्जियों की बड़ी भूमिका होती है। हमारे शरीर के लिए सभी आवश्यक तत्व हरी सब्जियों से मिल जाते हैं, ये सेहत व सौन्दर्य प्रदान करती हैं।हरी सब्जियों से प्राप्त तत्व शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति का विकास करते हैं। इनके सेवन से पाचन शीघ्र होता है, बिगड़ा हुआ पाचन सुधरता है, शरीर को पौष्टिकता प्राप्त होती है और सबसे बड़ी बात सौन्दर्य में वृद्धि होती है।

संसारभर के पुरुष व महिलाएँ स्वास्थ्य तथा सौंदर्य चाहते हैं, किन्तु कोई भी प्राकृतिक आहार-विहार, दिनचर्या अपनाना नहीं चाहता। डिब्बाबंद आहार का चलन बहुत बढ़ा है। रेडीमेड खाद्य पदार्थ, हॉटडॉग इस आपाधापी के जीवन में ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है।
प्राकृतिक चिकित्सा वास्तव में चिकित्सा कम जीने की कला, आत्मसाक्षात्कार का विज्ञान अधिक है। यह चिकित्सात्मक की अपेक्षा रक्षात्मक अधिक है। यदि हम अपना खान-पान बदल लें तो जीवन पद्धति बदल जाएगी। शक्ति ऊर्जा अर्जित होने लगेगी। जहा शक्ति है, वहीं स्वास्थ्य है, वहीं सौन्दर्य है।

अन्न कम खाएँ, सब्जियों का प्रयोग ज्यादा करें, वह भी रसेदार बनाकर। इससे शरीर के भीतर के अंग पुष्ट होते हैं, शरीर सुचारु रूप से कार्य करता है। व्यक्तित्व में स्वतः निखार आने लगता है। भीतर की उष्मा जब बाहर झलकती है तो वही स्वास्थ्य कहलाता है, वही सौंदर्य बनकर दमकता है।
कुछ सब्जियाँ तो बहुत उपयोगी हैं, जैसे करेला पेट के कृमि नष्ट करता है। रक्त शोधन कर, अग्नाशय को सक्रिय करता है।

* टमाटर रक्त बढ़ाता है एवं त्वचा निखारता है।
* नीबू शरीर के पाचक रसों को बढ़ाता है।

* पालक हड्डियों को कैल्शियम से सुदृढ़ करता है। पत्तेदार सब्जी लौह तत्व से भरपूर होती है अतः इन सबका उचित रूप से सलाद में प्रयोग करें।

* भिंडी वीर्य में गाढ़ापन लाती है, शुक्राणु बढ़ाती है।

* लौकी शीघ्र पाचक, रक्तवर्द्धक है, शीतलता प्रदान करती है।

* खीरा रक्तकणों का शोधन करता है व इसका प्रवाह बढ़ाता है।
* लहसुन खून का थक्का जमने नहीं देता अतः हृदय रोग में लाभकारी है।
* परवल शरीर को ऊर्जा देती है।
* गोभी, आलू, बीन्स आदि शरीर के विविध भागों, तत्वों, मात्राओं को प्रभावित करते हैं। इनको बनाते समय सावधानी की जरूरत है।

सब्जी को काटने से पूर्व अच्छी तरह धो लिया जाए, काटने के बाद धोने से सब्जी के तत्व नष्ट होते हैं। पकाते समय अधिक तेल डालने व ज्यादा देर तक आग पर रखकर स्वाद के लालच में कहीं सब्जियों की पौष्टिकता नष्ट हो जाती है। अधिक मिर्च-मसाले से भी सब्जी का स्वाद कम हो जाता है।
ताजी सब्जियाँ, ताजा बनाकर सेवन करना ही हितकर होता है। बासी, फ्रिज में रखी, बार-बार गरम करके परोसी गई सब्जी में पौष्टिक तत्व खत्म हो चुके होते हैं।
दैनिक जीवन में सब्जियों का सेवन बढ़ाकर देखें, हाजमा ठीक रहेगा, गैस, एसिडिटी नहीं होगी एवं उत्साह बढ़ेगा। इससे आपका व्यक्तित्व निखरेगा। आप आयु से सदैव कम दिखाई देंगे।
बुजुर्ग कहा करते थे कि तिजोरी में धन होता है तो चेहरे पर चमक झलकती है अर्थात यदि लक्ष्मी (रुपया-पैसा) हमारी तिजोरी में हो तो चेहरा स्वतः खिला-खिला रहता है। अमीरी छिपाए नहीं छिपती। ठीक उसी प्रकार हमारा शरीर यदि भीतर से संपन्न, स्वस्थ है तो बाहरी तौर पर भी सुंदर दिखेगा।