09 दिसंबर 2009

आंखों में छिपा व्यक्तित्व



ज्योतिष चर्चा. व्यक्ति विशेष की आंखें उसके हृदय या मन को पढ़ने का सशक्त माध्यम हैं। सभी लोगों की आंखें आकार-प्रकार में एक समान नहीं होती हैं। आंखों की विभिन्न स्थितियों से इंसान के व्यक्तित्व की पहचान की जा सकती है।मनुष्य शरीर के सभी अंग महत्वपूर्ण हैं। पांचों ज्ञानेंद्रियों की भी अपनी महत्ता है, लेकिन इनमें भी आंखों का विशेष महत्व है। संसार को देखने के अतिरिक्त मन के भाव भी आंखों से ही अभिव्यक्त होते हैं। व्यक्ति के मन या हृदय में क्या भाव हैं, यह भी आंखों से स्पष्ट होता है। किसी के प्रति सम्मान या कृतज्ञता हो तो आंखें झुक जाती हैं। हया, शर्म भी आंखों से ही झलकती है। इसीलिए हमारे बुजुर्ग कहते हैं कि सम्मान या डर आंखों का ही होता है। हम कह सकते हैं कि व्यक्ति विशेष की आंखें उसके हृदय या मन को पढ़ने का सशक्त माध्यम हैं। सभी लोगों की आंखें आकार-प्रकार में एक समान नहीं होती हैं। आंखों की विभिन्न स्थितियों से इंसान के व्यक्तित्व की पहचान की जा सकती
आंखों पर ग्रहों का प्रभाव
जन्म पत्रिका में ग्रह अपनी-अपनी स्थितियों के अनुरूप जातक की आंखों को प्रभावित करते हैं। सूर्य, मंगल एवं शनि के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति अंधा होता है। वहीं सूर्य व मंगल के अशुभ प्रभावों से आंखों का नूर कम होता है। गुरु की शुभता वाले व्यक्ति की आंखें बड़ी एवं आकर्षक होती हैं। वह प्रतिभाशाली होते हैं और लोग उनका आदर करते हैं लेकिन गुरु के अशुभ प्रभाव से आंखों का तेज कम होता है और ऐसे लोगों को देखने में तकलीफ होती है।
सूर्य प्रधान व्यक्ति की आंखें बादाम के आकार की और आखिर में नुकीली होती हैं। ऐसे व्यक्ति का व्यक्तित्व प्रभावशाली होता है। उसे समाज में प्रतिष्ठा मिलती है, किंतु वह स्वार्थी होता है और अपना स्वार्थ सिद्ध करने से कभी नहीं चूकता।
चंद्रमा प्रधान व्यक्ति की आंखें सफेद होती हैं। ये लोग अत्यंत भावुक होते हैं। चंद्रमा क्रूर ग्रहों के प्रभाव में हो तो व्यक्ति भयभीत रहता है। मंगल प्रभावित व्यक्ति की आंखें बड़ी और भूरी तथा लालिमा लिए होती हैं। मंगल के अशुभ प्रभाव से ग्रस्त व्यक्ति की आंखों में सूजन रहती है। मंगल प्रधान व्यक्तियों की आंखें अच्छी और सम्मोहक होती हैं।
बुध प्रधान व्यक्ति की आंखें अच्छी और मोहक होती हैं, ये आंखें हल्का हरापन लिए होती है। ऐसे व्यक्ति का चेहरा आकर्षक होता है। वह लंबा होता है उसकी नाक तोतेनुमा होती है। ये अच्छे लेखक और वक्ता होते हैं। अशुभ बुध शिक्षा में बाधाएं उत्पन्न करता है और याददाश्त पर बुरा प्रभाव डालता है।
शुक्र प्रधान व्यक्ति की आंखें सफेद-सुनहरे रंग वाली होती हैं। ये लोग किसी के लिए कुछ कर दिखाने वाले, त्याग की भावना वाले होते हैं। अशुभ शुक्र वाले व्यक्ति की आंखों से पानी निकलता रहता है। शनि प्रभावित व्यक्ति की आंखें गहरी होती हैं। वह उदास, एकांतप्रिय और भावशून्य होता है। ये लोग कर्तव्य के प्रति कर्मठ होते हैं और इनका मनोबल दृढ़ होता है। ये छोटी-छोटी बातों में भी रुचि लेते हैं। शनि प्रधान व्यक्ति के चश्मे के नंबर कभी-कभार बदलते हैं।
पौराणिक महत्व
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार जिसके नेत्र कमल दल के समान और अंत में रक्त वर्ण के होते हैं, वह लक्ष्मी का स्वामी होता है। शहद के तुल्य पिंगल रंग के नेत्र वाले जातक बड़े धनवान होते हैं। दाड़िम के पुष्प के समान नेत्र वाला राजा। गोरोचन, गुंजा और हरताल के समान पिंगल नेत्र वाला बलवान और धनेश्वर होता है।
गहरे नेत्र ऐश्वर्य के घोतक हैं। नीले कमल के समान कांतिवान नेत्र विद्वान पुरुषों के होते हैं। मोटे नेत्र हों तो ऐसे लोग राजा के मंत्री होते हैं। कपिश रंग के नेत्र सौभाग्य की सूचना देते हैं। दीन नेत्र वाले लोग निर्धन होते हैं। स्निग्ध और बड़े नेत्रवाले धनवान और भोगी होते हैं।
सूखी आंख वाले डरपोक। नील कमल के समान नेत्र होने पर विद्वान, श्याम वर्ण के नेत्र होने पर सौभाग्यशाली, विशाल नेत्र होने पर भाग्यवान, स्थूल नेत्र होने पर राजमंत्री और दीन नेत्र होने पर दरिद्र होता है। विशाल नेत्रों वाली स्त्री रानी होती है। लाल नेत्र हों तो ऐसी स्त्री अत्यंत सुख भोगती हैं। चपल नेत्रों वाली, इधर-उधर देखने वाली लोभी नारी वानरी-संज्ञक होती है। मृग के समान नेत्र हों तो वह उत्तम स्त्री होती हैं।
भौंहों की भाषा
आंखों के साथ-साथ इनकी भौंहों का भी विशेष महत्व माना गया है। मध्य से जिनकी भौंहें ऊंची हो, वे अल्पायु होते हैं। जिनकी बड़ी और ऊंची भौंहें हो, वे अतिसुखी होते हैं। छोटी भौंहें दरिद्रता की सूचक हैं। बाल चंद्रमा के समान भौंहें होने पर राजा होता है। जिन स्त्रियों की भौंह धनुष के समान टेढ़ी होती है, वह अतिशय सुख का भोग करती है। लंबी और परस्पर न मिली हुई जिनकी भौंहें हो तो वे धनवान होते हैं। टूटी हुई भौंहें हो तो धनहीन होते हैं।
जानवरों के नेत्रों से तुलना
शेर जैसी विशाल आंखों और पलकों वाले लोग न्यायप्रिय, निष्पक्ष और व्यवसायी होते हैं। हाथी के समान नेत्र वाले व्यक्ति सेनापति होते हैं। बाघ की आंखों की तरह पीली एवं प्रभावशाली आंखों वाले लोग फुर्तीले होते हैं। जिसके बिल्ली जैसे कंजे नेत्र हों तो वह धूर्त होते हैं। भेड़ की तरह संकुचित आंखें व्यक्ति को व्यवस्थित रखती हैं। घोड़े जैसी त्रिकोण आकार की आंखों वाली स्त्रियां हिस्टीरिया के प्रभाव में रहती हैं। सांप की तरह आंखों वाले लोग उग्र स्वभाव के होते हैं।
बंदर जैसी छोटी आंखों वाले अस्थिर और अशांत होते हैं। इन पर विश्वास नहीं करना चाहिए। भालू जैसी छोटी आंखों में पुतलियां ज्यादातर नीचे की ओर होती हैं। ऐसे लोग निर्दयी और कुत्सित विचार वाले होते हैं। मुर्गे जैसी आंखों की पुतलियां बड़ी एवं सफेद भाग छोटा होता है। ऐसे लोग अत्यंत साहसी होते हैं। मछली जैसी आंखों की पुतलियां ऊपर की ओर चढ़ी हुई या नीचे की ओर झुकी हुई हों तो व्यक्ति अस्थिर और कमजोर होता है।