06 फ़रवरी 2009

श्री लक्ष्मीजी की आरती




महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्र्वरी
हरिप्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥ॐ जय लक्ष्मी माता....
उमा ,रमा,ब्रम्हाणी, तुम जग की माता
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॥.ॐ जय लक्ष्मी माता....
दुर्गारुप निरंजन, सुख संपत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धी धन पाता ॥ॐ जय लक्ष्मी माता....
तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता
कर्मप्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता ॥ॐ जय लक्ष्मी माता....
जिस घर तुम रहती हो , ताँहि में हैं सद् गुण आता
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता ॥ॐ जय लक्ष्मी माता....
तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॥ॐ जय लक्ष्मी माता....
शुभ गुण मंदिर सुंदर क्षीरनिधि जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन ,कोई नहीं पाता ॥ॐ जय लक्ष्मी माता....
महालक्ष्मी जी की आरती ,जो कोई नर गाता
उँर आंनद समाता,पाप उतर जाता ॥ॐ जय लक्ष्मी माता....
स्थिर चर जगत बचावै ,कर्म प्रेर ल्याता
रामप्रताप मैया जी की शुभ दृष्टि पाता ॥ॐ जय लक्ष्मी माता....
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता ,
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥ॐ जय लक्ष्मी माता....