02 जनवरी 2009

श्री राधा क़ी आरती

आरती

आरती श्री राधाजी क़ी
आरती श्री वृषभानुलली की ।
सत- चित आनंद कन्द कलि की ॥टेक॥
भयभुज्जनि भवसागर-तारिणी,
दिव्यधाम गोलोक विहारिणी,
जगपालिनी जगत जननि की ॥आरती॥
अखिल विश्व आनन्द विध्यायिनी,
मंगलमयी सुमंगल दायिनी,
अमिय-राग-रस-रंग-रली की ॥आरती॥
नित्यानन्दमयी आहलादिनी,
आनन्दघन आनन्द प्रसादिनी,
सरस कमलिनी कृष्ण- अली की ॥आरती॥

नित्य निकुं जेश्वरी रासेश्वरी,
परम प्रेम रूपा परमेश्वरी,
गोपिगणाश्रयि गोपिजनेशवरि,
विमल विचित्र भाव- अवली की ॥आरती॥